*_लाल किला ब्लास्ट मामला: अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया_*

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*_लाल किला ब्लास्ट मामला: अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया_*

नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट ने लालकिला ब्लास्ट से जुड़े मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एडिशनल सेशंस जज शीतल चौधरी प्रधान ने सिद्दीकी को 15 दिसंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

आज सिद्दीकी की ईडी हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 19 नवंबर को सिद्दीकी को आज तक की ईडी हिरासत में भेजा था. जावेद अहमद सिद्दीकी को ईडी ने 18 नवंबर की रात करीब एक बजे पेश किया था. फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी लाल किला ब्लास्ट के बाद से ही जांच एजेंसियों के रडार पर है. लाल किला ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार तीन डॉक्टरों का संबंध अल फलाह यूनिवर्सिटी से पाया गया, जिसके बाद इस यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच शुरु की गई. ईडी ने जावेद को टेरर फंडिंग और मनी लाउंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था.

इस मामले में एनआईए ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि 18 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने लालकिला ब्लास्ट मामले के आरोपी और आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के सहयोगी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को दस दिनों की एनआईए हिरासत में भेजा था. एनआईए ने दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था. एनआईए के मुताबिक दानिश ने ड्रोन में तकनीकी बदलाव किए और कार बम विस्फोट से पहले रॉकेट तैयार करने की कोशिश की.

एनआईए के मुताबिक दानिश ने उमर उन नबी के साथ मिलकर पूरी साजिश को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई. एनआईए के मुताबिक राजनीति विज्ञान में स्नातक दानिश को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए उमर ने ब्रेनवाश किया. वह अक्टूबर 2024 में कुलगाम की एक मस्जिद में डॉक्टर मॉड्यूल से मिलने को तैयार हुआ, जहां से उसे हरियाणा के फरीदाबाद में अल फलाह विश्वविद्यालय में रहने के लिए ले जाया गया.

दानिश को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था और पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि मॉड्यूल के अन्य लोग उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवर-ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) बनाना चाहते थे, जबकि उमर कई महीनों से उसका ब्रेनवॉश कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार कर रहा था. एनआईए के मुताबिक उमर की यह कोशिश इस साल अप्रैल में उस समय नाकाम हो गई जब दानिश ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को गलत मानने का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया था.

इससे पहले आरोपी आमिर रशीद अली को एनआईए ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था. लालकिला पर ब्लास्ट के मामले में एनआईए की ओर से आमिर की पहली गिरफ्तारी थी. आमिर रशीद अली पर आरोप है कि उसने मुख्य आरोपी उमर को कार लाने में मदद की. बता दें कि लालकिला के पास 10 नवंबर को आई20 कार में ब्लास्ट हुआ था. ये कार आमिर रशीद अली के नाम पर थी. इस ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हुई थी और 32 लोग घायल हो गए थे.


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