बादल फटने से हड़कंप,नदियों में उफान,बाढ़ जैसे हालात
चमोली(उद संवाददाता)। उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रें में लगातार हो रही भारी बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह चमोली जिले के नंदानगर विकासखंड के धुरमा गांव में बादल फटने की घटना ने क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह-सुबह धुरमा गांव में अचानक बादल फटने से मोक्ष गंगा नदी में भारी उफान आ गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी के विकराल रूप को देखते हुए स्थानीय लोग सहम गए हैं। कई घरों में पानी घुसने की सूचना मिल रही है, जिससे जन-धन की क्षति की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अभी तक किसी प्रकार की जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है। बादल फटने की दूसरी घटना सोमवार देर रात नंदप्रयाग- घाट मार्ग पर स्थित मुख गांव में भी सामने आई। देर रात हुई इस घटना के चलते क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ियों में भूस्खलन की स्थिति बन गई है, जिससे सड़क मार्ग बाधित होने की संभावना बढ़ गई है। प्रशासन के अनुसार, लगातार बारिश से हालात और गंभीर हो सकते हैं, जिसे देखते हुए संबंधित क्षेत्रें में अलर्ट जारी कर दिया गया है। घटनास्थल पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडी आरएफ) की टीम को तत्काल रवाना कर दिया गया । स्थानीय प्रशासन ने भी मोर्चा संभालते हुए स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी है। राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमों को पूरी तरह से तैयार रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। जरूरत पड़ने पर लोग सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें। नदियों के किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रें से दूर रहने की हिदायत दी गई है। गौरतलब है कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मानसून के दौरान बादल फटना आम हो गया है, लेकिन हर बार इसके परिणाम भयावह होते हैं। ऐसे में प्रशासन की सतर्कता और समय पर राहत-बचाव की तैयारियां ही जनहानि को रोकने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। प्रदेश सरकार ने भी सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है और आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आम नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।