तुषार के परिजनो ने भुवन कापडी को बताया संवेदनहीन
मृतक तुषार शर्मा के परिजनों का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, वायरल वीडियो में मृतक के परिजनों ने स्थानीय विधायक के रवैये को बताया पीड़ा दायक और मुख्यमंत्री की खुले दिल से की सराहना
खटीमा। बीते सप्ताह खटीमा में हुए जघन्य हत्याकांड में जान गंवाने वाले तुषार के परिजन खटीमा विधायक भुवन कापड़ी की संवेदनहीनता से खासे आहत हैं। मृतक तुषार के परिजनों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें तुषार के परिजनो ने स्थानीय विधायक पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है। वायरल वीडियो में खटीमा हत्याकांड में अपने बेटे को खो चुके पीड़ित परिवार ने जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खुलकर सराहना की है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने क्षेत्र के विधायक भुवन कापड़ी की भूमिका पर गहरी नाराजगी और पीड़ा व्यक्त की है। पीड़ित परिजनों ने वायरल वीडियो में खटीमा विधायक की संवेदनहीनता पर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुसीबत की घड़ी में फोन करके कम से कम हमें दिलासा देने की कोशिश तो की, हमारे दुःख के प्रति संवेदनशील तो दिखे,लेकिन हमारे क्षेत्र के विधायक, जिन्हें इस दुख भरी घड़ी में हमारे बीच सबसे पहले पहुंचाना चाहिए था, हमारे बीच आना तो दूर एक फोन करने तक की जहमत नहीं उठा सके। स्थानीय विधायक की संवेदन हीनता से गहरे तक आहत पीड़ित परिवार ने वायरल वीडियो में विधायक के व्यवहार पर यह तक कह डाला , जब वोट लेना होगा तो घर-घर हाथ जोड़ते घूमेंगे, लेकिन किसी के लड़के की हत्या होने पर उनके पास पहुंच संवेदना के दो बोल बोलने तक का समय नहीं है। ऐसे विधायक का क्या फायदा ? बता दें की खटीमा में हुए तुषार हत्याकांड के बाद प्रशासन की कार्यवाही एवं हत्या आरोपियों की तुरंत फुरत गिरफ्तारी पर पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री की खुले दिल से सराहना की है। पीड़ित परिवार का कहना है कि इस असहनीय दुख की घड़ी में मुख्यमंत्री धामी ने संवेदनशीलता, तत्परता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का परिचय दिया। उन्होंने न केवल पूरे मामले को गंभीरता से संज्ञान में लिया, बल्कि प्रशासन को सख्त और त्वरित कार्रवाई के निर्देश देकर यह संदेश दिया कि उत्तराखंड में अपराध और अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं है।परिवार ने साफ तौर पर कहा है कि हमें पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में हमें न्याय अवश्य मिलेगा। उन्होंने एक पिता की पीड़ा को समझा है और हमारी करुणा भरी आवाज सुनी है। परिवार ने भावुक होकर आगे कहा कि हमने अपने बेटे को खोया है, हमें राजनीति नहीं, इंसानियत चाहिए थी, लेकिन हमारे विधायक की चुप्पी ने हमारे जख्म और गहरे कर दिए ।गौर तलब है कि जन अपेक्षाओं की कसौटी पर अब यह मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि जन प्रतिनिधियों की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की की परख का मानक भी बन गया है। एक ओर मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय और मानवीय रवैया जनता के विश्वास को मजबूत कर रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय विधायक की संवेदनहीनता एवं निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।






