नवरात्र पर कन्या पूजन कर समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास ने दिया शिक्षा का संदेश
रुद्रपुर। नवरात्रि के पावन अवसर पर समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास ने अपने परिवार के साथ कन्या पूजन कर बेटियों के महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर उन्होंने कन्याओं को भेंट स्वरूप किताबें और शिक्षण सामग्री प्रदान की। विश्वास ने कहा कि बेटियां सिर्फ पूजन के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा और सम्मान के लिए भी हक़दार हैं।
उन्होंने सरकार के नारे “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” को स्मरण कराते हुए कहा कि इसे वास्तविक रूप में धरातल पर उतारना ही सच्चा सम्मान है।
बेटियों के सम्मान और न्याय पर सवाल
सुब्रत विश्वास ने बेटियों के शोषण और समाज में घट रही दर्दनाक घटनाओं पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि एक ओर नवरात्रि पर बेटियों की पूजा होती है, वहीं दूसरी ओर समाज में बेटियां अन्याय का शिकार होकर न्याय के लिए दर-दर भटकती हैं।
उत्तराखंड की चर्चित अंकित भंडारी हत्याकांड की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि देवभूमि कहलाने वाले प्रदेश में “नन्ही परी” जैसी मासूम बेटियों के हथियारों को कोर्ट से राहत मिल जाती है, जबकि पीड़ित परिवार अब तक इंसाफ के लिए भटक रहा है। यह स्थिति समाज और व्यवस्था दोनों के लिए शर्मनाक है।
सुब्रत कुमार विश्वास ने आह्वान किया कि बेटियों को केवल नवरात्र पर पूजने की परंपरा तक सीमित न रखकर, उन्हें शिक्षा, सुरक्षा और समान अवसर देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, “जब तक बेटियों को वास्तविक न्याय और समान अधिकार नहीं मिलते, तब तक हमारा समाज प्रगतिशील नहीं कहलाएगा।”






