इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन की टीम पहुंची मकनपुर के बदहाल प्राथमिक विद्यालय का हाल जानने
जर्जर हालत में प्राथमिक विद्यालय के बच्चे धर्मशाला में पढ़ने को मजबूर – आईपीए
इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन ने आज गाजियाबाद के मकनपुर गांव में बने प्राथमिक विद्यालय की स्थिति का जायजा लिया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कमरों की खस्ता हालत और स्कूल की दीवारों पर बने छज्जों से सीमेंट के प्लास्टर को चीर कर सरियों का बाहर निकलना प्राथमिक विद्यालय, मकनपुर की जर्जर हालत को बया कर सरकार और जिले के शिक्षा अधिकारियों से मरम्मत की गुहार लगाता हुआ दिखाई पड़ रहा था वहीं बच्चो की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालय के मुख्य गेट पर लंबे समय से लटके हुए ताले के कारण धर्मशाला में कामचलाउ स्थिति में पढ़ने को मजबूर बच्चे शिक्षाधिकारियों और सरकार की सरकारी स्कूलों की अनदेखी की पोल खोल रहे थे , इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा त्यागी और महासचिव महिपाल रावत ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय मकनपुर की स्थिति को देखने पर पता चला कि स्कूल में शिक्षक और बच्चे दोनों है लेकिन स्कूल की बिल्डिंग जर्जर होने के कारण स्कूल के गेट पर ताला लग गया है और अब स्कूल के बच्चे धर्मशाला में पढ़ने को मजबूर है जब हमने स्कूल की मरम्मत नहीं होने के कारण की जांच पड़ताल की तो समाने आया कि स्कूल की मरम्मत कराने के लिए फंड की व्यवस्था ही नहीं है जो सोचने को विवश करता है कि जिस सरकार के पास प्रदेश में सभी तरह की योजनाओं को गति देने के लिए प्रयाप्त मात्रा में फंड मौजूद है जो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है क्या उस सरकार के पास प्रदेश की शिक्षा की रीढ़ कहे जाने वाले सरकारी स्कूलों का जीर्णोद्धार करने के लिए फंड नहीं है हमारे देश के प्रधानमंत्री जी का सपना है कि हमारा देश 2047 तक विकसित राष्ट्र बने लेकिन क्या हम सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया बिना विकसित राष्ट्र बनने की कल्पना कर सकते है इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कक्कड़ और राष्ट्रीय उपसचिव सुमित त्यागी का कहना है एक तरफ हम 2047 तक विकसित भारत बनने की तरफ कदम आगे बढ़ा रहे है और दूसरी तरफ सरकारी प्राथमिक विद्यालय यानी जर्जर हालत में बंद पड़े शिक्षा के मंदिर के कारण सुविधाओं के अभाव में धर्मशाला में बच्चो का पढ़ना दुर्भाग्यपूर्ण है आईपीए के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नीरज गहलोत और दीपांशु मित्तल का कहना है कि की आप कल्पना करे कि आने वाला समय शादी विवाह का है और जब धर्मशाला में विवाह के कार्यक्रम आयोजित होंगे तो बच्चो की पढ़ाई निश्चित तौर पर बाधित होगी ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि इन बच्चो की पढ़ाई बाधित करना शिक्षा के अधिकार से वंचित करने जैसा है आईपीए प्रदेश के मुख्यमंत्री ,जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा अधिकारी से अपील करती है बच्चो की शिक्षा से जुड़े इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय का संज्ञान लेकर अतिशीघ्र स्कूल का जीर्णोद्धार करा बच्चो को पुनः स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान करे ।
सौजन्य से
इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन ( आईपीए) , इंडिया






