इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन ने आरटीई दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने हेतु बीएसए से की वार्ता

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इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन ने आरटीई दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने हेतु बीएसए से की वार्ता

 

 

आईपीए ने नए शिक्षा सत्र 2026-27 में शत-प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित करने के लिए बीएसए को सौंपा ज्ञापन

 

 

इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन (IPA) ने आगामी शिक्षा सत्र 2026-27 में आरटीई (शिक्षा का अधिकार ) के अंतर्गत दाखिला प्रक्रिया को सरल, सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इस संबंध में आज आईपीए की टीम ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओ.पी. यादव और डीसी अनुभव गुप्ता से मुलाकात कर आरटीई के दाखिले और आवेदन प्रक्रिया को लेकर सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।

 

आईपीए की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा त्यागी और महासचिव महिपाल रावत ने बताया कि आरटीई अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित समूहों के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं। अतः यह आवश्यक है कि दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और जनसुलभ हो। जिससे कि जिले के अधिक से अधिक आरटीई के तहत चयनित बच्चो को शिक्षा का मौलिक अधिकार मिल सके आईपीए के उपाध्यक्ष का कहना की हमने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और डीसी अनुभव गुप्ता के समक्ष सभी बिंदुओं पर सकारात्मक चर्चा की इस दौरान दोनों ही अधिकारियों ने नए शिक्षा सत्र में आरटीई की प्रक्रिया को पूर्णतया सरल और पारदर्शी बनाने के लिए आश्वस्त किया है हमारी चर्चा के

मुख्य बिंदु —

 

1. स्कूलों की मैपिंग और सीटों की संख्या में वृद्धि:

सत्र 2025–26 में कुल 1,695 स्कूलों में से 503 स्कूल बंद दिखाए गए थे। आईपीए का अनुमान है कि नए सत्र में लगभग 1,800 स्कूलों को आरटीई सूची में शामिल कर करीब 50,000 सीटें उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

 

 

2. दाखिलों में प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाए:

पिछले सत्र में 19,666 सीटों में से केवल 6,306 सीटें ही भरी जा सकीं। अतः सत्र 2026–27 में लोनी, रजापुर, नगर क्षेत्र, मुरादनगर और भोजपुर में मुख्य चौराहों पर बड़े पोस्टर लगाने एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार की मांग की गई।

 

 

3. हेल्प डेस्क की स्थापना:

अभिभावकों की सुविधा के लिए पाँचों विकास खंडों में आरटीई हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं।

 

 

4. दाखिला प्रक्रिया की समयबद्धता:

चयनित बच्चों के दाखिले प्रत्येक चरण के बाद निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किए जाएं।

स्कूलों को अनावश्यक दस्तावेज जैसे 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट या पैन कार्ड न मांगने के निर्देश दिए जाएं और घर जाकर वेरिफिकेशन की प्रथा समाप्त की जाए।

 

 

5. नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई:

दाखिले से इनकार करने वाले स्कूलों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मान्यता रद्द की जाए।

 

 

6. वेरिफिकेशन त्रुटियों में सुधार का अवसर:

आवेदन में त्रुटि पाए जाने पर फॉर्म को निरस्त करने के बजाय अभिभावक को सुधार का अवसर दिया जाए।

 

 

7. पिछले सत्र में दाखिला न लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई:

सत्र 2025–26 में दाखिला न लेने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जाए।

 

इस अवसर पर आईपीए टीम के विनय कक्कड़, नीरज गहलोत, राहुल शर्मा, महिपाल रावत ,अमित राय, अमित चौहान, किन्शुक बंसल , विवेक त्यागी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

 

 


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