*^केंद्र ने PMO का नाम बदला: अब ‘सेवा तीर्थ’, राजभवन होंगे ‘लोक भवन’_*

Spread the love

*^केंद्र ने PMO का नाम बदला: अब ‘सेवा तीर्थ’, राजभवन होंगे ‘लोक भवन’_*

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को यह बड़ा बदलाव लागू किया। इसी के साथ देशभर के राजभवन अब ‘लोक भवन’ और केंद्रीय सचिवालय ‘कर्तव्य भवन’ के नाम से जाने जाएंगे।सूत्रों ने PTI को बताया कि सरकार सार्वजनिक संस्थानों के नामों में व्यापक परिवर्तन कर रही है ताकि शासन में शक्ति के बजाय सेवा की भावना को प्रमुखता दी जा सके। PMO अधिकारियों ने कहा कि यह बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक परिवर्तन है। इससे पहले केंद्र सरकार राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर चुकी है, और 2016 में प्रधानमंत्री आवास का पता रेस कोर्स रोड की जगह लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था।

 

राजभवन का नाम क्यों बदला गया?

 

गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले वर्ष राज्यपालों के सम्मेलन में इस बात पर राय बनी कि ‘राजभवन’ नाम औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतीक है। इसी विचार के बाद यह निर्णय लिया गया कि राज्यपालों और उप-राज्यपालों के आवास अब लोक भवन और लोक निवास कहलाएंगे।

 

78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से शिफ्ट होगा PMO

 

प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द ही साउथ ब्लॉक की ऐतिहासिक इमारत से स्थानांतरित होकर नए परिसर ‘सेवा तीर्थ’ में काम करेगा। यह कदम सेंट्रल विस्टा परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 14 अक्टूबर को कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन सेवा तीर्थ-2 में सेना प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी कर चुके हैं।

 

सेवा तीर्थ संरचना

 

सेवा तीर्थ-1: PMO

 

सेवा तीर्थ-2: कैबिनेट सचिवालय

 

सेवा तीर्थ-3: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) कार्यालय

 

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?

 

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक की पूरी केंद्रीय प्रशासनिक पट्टी को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। इसमें नया संसद भवन, PM और उप-राष्ट्रपति आवास, केंद्रीय सचिवालय तथा अन्य इमारतों का निर्माण शामिल है। परियोजना का बजट करीब 20 हजार करोड़ रुपये है।

 

गृह मंत्रालय भी बदल रहा पता

 

गृह मंत्रालय भी जल्द नॉर्थ ब्लॉक से हटकर जनपथ स्थित कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) भवन में शिफ्ट होगा। सभी मंत्रालयों के नए कार्यालय बनने के बाद नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को मिलाकर ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ बनाया जाएगा, जिसमें 25–30 हजार कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा।यह संग्रहालय दुनिया के सबसे बड़े म्यूजियम में से एक होगा।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *