आईपीए का बड़ा कदम:  जिले में 100 % एनसीईआरटी किताबें लागू करने को डीएम को सोपा ज्ञापन 

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आईपीए का बड़ा कदम:

जिले में 100 % एनसीईआरटी किताबें लागू करने को डीएम को सोपा ज्ञापन

 

एनसीईआरटी बनाम महंगी निजी किताबें :

आईपीए का डीएम से सवाल “अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कब रुकेगा ?”

 

 

इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन (आईपीए) ने आज जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति (डीएफआरसी) के अध्यक्ष जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम फाइनेंस सौरभ भट्ट को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपकर शिक्षा सत्र 2026–27 में जिले के सभी निजी विद्यालयों में एनसीईआरटी पुस्तकों को 100% अनिवार्य रूप से लागू कराने की माँग की। आईपीए ने ज्ञापन में अभिभावकों पर बढ़ते आर्थिक बोझ, निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकों, अनावश्यक बदलावों और फीस अधिनियम 2018 के उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

आईपीए द्वारा जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर डीएफआरसी की बैठक बुलाकर स्पष्ट दिशा–निर्देश जारी करने की माँग की गई—

1.कक्षा 1 से 12 तक सभी विद्यालयों में उपलब्ध विषयों की 100% एनसीईआरटी पुस्तकें अनिवार्य की जाएँ।

2.नर्सरी से कक्षा 8 तक पुस्तकों में हर वर्ष होने वाले अनावश्यक बदलाव पर रोक लगाई जाए।

3.बुक–एक्सचेंज की अनुमति देकर अभिभावकों को राहत दी जाए।

4.फीस अधिनियम 2018 के अनुसार ही फीस वृद्धि व शुल्क प्रकटीकरण सुनिश्चित कराया जाए।

5.मासिक/तिमाही—दोनों शुल्क विकल्प उपलब्ध कराना विद्यालयों के लिए अनिवार्य किया जाए।

6.यूनिफॉर्म में पाँच वर्ष से पहले बदलाव पर रोक लगाई जाए।

7.एनसीईआरटी पुस्तकों की ओवर–प्राइसिंग व कालाबाज़ारी पर जिला प्रशासन द्वारा कठोर कार्रवाई की जाए।

 

आईपीए कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा त्यागी और उपाध्यक्ष विनय कक्कड़ ने कहा कि

“जिले के हजारों अभिभावक महंगी निजी पुस्तकों, अनियमित फीस वृद्धि और अनावश्यक बदलावों से परेशान हैं। एनसीईआरटी पुस्तकों के 100% अनुपालन से शिक्षा अधिक पारदर्शी के साथ सस्ती और सुलभ होगी। हम अपेक्षा करते हैं कि जिलाधिकारी जी की अध्यक्षता में डीएफआरसी इसकी मॉनिटरिंग कड़ाई से सुनिश्चित करेगी।”

 

आईपीए के महासचिव महिपाल रावत का कहना है कि

“एनसीईआरटी पुस्तकों पर कृत्रिम कमी और ओवर–प्राइसिंग विद्यार्थियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है। डीएफआरसी की तत्काल बैठक जरूरी है ताकि सत्र 2026–27 के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी हों और अभिभावकों को वास्तविक राहत मिल सके।”

 

इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन ने आशा व्यक्त की है कि जिला प्रशासन छात्रहित को सर्वोपरि रखते हुए उपर्युक्त बिंदुओं पर त्वरित निर्णय लेगा। इस मौके पर विनय कक्कड़, महिपाल रावत , दीपांशु मित्तल, राहुल शर्मा , अमित चौहान, एडवोकेट नीरज गहलोत, एडवोकेट समित त्यागी , अखिलेश कुमार गौतम , संतराज चौहान , विवेक त्यागी आदि मौजूद रहे

 

 


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