*_’जब सत्ता अपराधियों को बचाती है तो न्याय की उम्मीद कौन करे’, महाराष्ट्र लेडी डॉक्टर सुसाइड पर बोले राहुल गांधी_*

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*_’जब सत्ता अपराधियों को बचाती है तो न्याय की उम्मीद कौन करे’, महाराष्ट्र लेडी डॉक्टर सुसाइड पर बोले राहुल गांधी_*

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला सरकारी डॉक्टर की कथित आत्महत्या को ‘संस्थागत हत्या’ करार दिया और कहा कि उनकी मौत भाजपा नीत सरकार की ‘अमानवीय और असंवेदनशील’ प्रकृति को उजागर करती है.

मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले के निवासी और सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर गुरुवार रात फलटण कस्बे के एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी मिली थीं.

अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में उसने आरोप लगाया कि पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया.

गांधी ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में कहा कि सतारा में बलात्कार और उत्पीड़न का सामना करने के बाद डॉक्टर की आत्महत्या एक त्रासदी है जो किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देती है. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि एक होनहार डॉक्टर बेटी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी, भ्रष्ट सत्ता और तंत्र में बैठे अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार बन गई.

गांधी ने कहा, “जिन लोगों पर जनता को अपराधियों से बचाने की ज़िम्मेदारी थी, उन्होंने इस निर्दोष महिला के साथ सबसे जघन्य अपराध किया: बलात्कार और शोषण. रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों ने उस पर भ्रष्टाचार के लिए दबाव डालने की भी कोशिश की.”

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “यह सत्ता संरक्षित आपराधिक विचारधारा का सबसे घृणित उदाहरण है. यह आत्महत्या नहीं है – यह संस्थागत हत्या है.”

उन्होंने कहा कि जब सत्ता अपराधियों को बचाती है तो न्याय की उम्मीद कौन कर सकता है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की मौत भाजपा सरकार की “अमानवीय और असंवेदनशील” प्रकृति को उजागर करती है. गांधी ने कहा, “हम न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं. भारत की हर बेटी के लिए – अब और डर नहीं, हमें न्याय चाहिए.”अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने डॉक्टर की कथित आत्महत्या के सिलसिले में उपनिरीक्षक गोपाल बदाने को गिरफ्तार कर लिया है जिला पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने बताया कि बदाने ने शनिवार शाम सतारा के फलटण ग्रामीण पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

 

इससे पहले, शनिवार सुबह फलटण पुलिस की एक टीम ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बांकर को पुणे से गिरफ्तार किया था, जिसका नाम डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में बदाने के साथ लिखा था. पीड़िता को मानसिक रूप से परेशान करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी बांकर को शनिवार को सतारा जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

सतारा जिले के फलटण में दोनों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस के अनुसार, बांकर उस मकान के मकान मालिक का बेटा है जहां डॉक्टर रहती थी. उन्होंने बताया कि आत्महत्या करने से पहले उसने कथित तौर पर उसे फोन पर उससे बातचीत की थी. मामले की जांच के दौरान सब-इंस्पेक्टर बदाने का नाम सामने आने के बाद उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया गया.

 

परिजनों ने आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग की

 

इस बीच, डॉक्टर का शुक्रवार रात बीड के वडवानी तहसील स्थित उनके पैतृक निवास पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके परिजन मामले के आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं.

 

एक समाचार चैनल से बात करते हुए एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि उसने कई बार उत्पीड़न की शिकायत की, लेकिन उसकी शिकायतों का समाधान नहीं किया गया.

एक अन्य रिश्तेदार ने दावा किया कि पीड़िता जिस उप-जिला अस्पताल में काम करती थी, वहां उस पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए दबाव डाला गया था.रिश्तेदार ने बताया, “फलटण के राजनीतिक लोग अक्सर उससे मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए कहते थे क्योंकि वह नियमित रूप से पोस्टमार्टम ड्यूटी पर रहती थी.उसने पीएसआई (नोट में नामित) के खिलाफ कई बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर गौर नहीं किया गया.”


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