*_लाल किला विस्फोट: घटनास्थल पर जांचकर्ताओं को क्या मिला, धमाके की जगह से इकट्ठा किए गए 40 से ज्यादा सैंपल_*
नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किला विस्फोट की जांच कर रहे फोरेंसिक एक्स्पर्ट्स को घटनास्थल से विस्फोटक और कारतूस मिले हैं. सोमवार को हुए इस विस्फोट में कम से कम 10 लोग मारे गए थे. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट स्थल से 40 से ज्यादा सैंपल इकट्ठा किए हैं.
इनमें दो कारतूस और दो अलग-अलग प्रकार के विस्फोटकों के नमूने शामिल हैं. घटनास्थल पर मिले दो कारतूसों में से एक कथित तौर पर जिंदा है. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) सहित विभिन्न एजेंसियां सोमवार शाम एक i20 कार में हुए विस्फोट की जांच कर रही हैं.
विस्फोट स्थल से करीब 40 नमूने एकत्र करने वाली फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के अनुसार प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि विस्फोटकों में से एक नमूना अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत होता है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि डॉ. मुजम्मिल के मोबाइल फोन से प्राप्त ‘डंप डेटा’ के विश्लेषण से पता चला है कि जनवरी के पहले सप्ताह में लाल किला क्षेत्र में और उसके आसपास उसकी बार-बार उपस्थिति थी.
योजनाबद्ध हमले से पहले विस्तृत रेकी
अधिकारियों ने बताया कि डॉ मुजम्मिल ने अपने साथी डॉ उमर नबी के साथ सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ की प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए कई बार लाल किले का दौरा किया. टावर लोकेशन डेटा और आसपास के इलाकों से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी गतिविधियों की पुष्टि की गई है. अधिकारी ने बताया, “ये दौरे 26 जनवरी को योजनाबद्ध हमले से पहले विस्तृत रेकी का हिस्सा थे.”
ऐसा बताया गया है कि सोमवार को जिस कार में विस्फोट हुआ उसे डॉ. उमर नबी चला रहा था जो अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर था.
दिल्ली लाल किला विस्फोट की जांच क्या संकेत देती है?
जांचकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा स्थित एक डॉक्टर पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसकी पहचान उमर नबी के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार चला रहा था और उसका मुख्य रूप से हरियाणा के फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के साथ पर्दाफाश किए गए आतंकी मॉड्यूल से कथित संबंध था.
घबराहट में विस्फोट
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को संबंध स्थापित करने के लिए नबी की मां से डीएनए नमूना लिया था. पीटीआई की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंकी मॉड्यूल से जुड़े संदिग्धों को पकड़ने के लिए की गई छापेमारी के बाद घबराहट और हताशा में यह विस्फोट हुआ.
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए, जिसके कारण संदिग्ध ने बढ़ते दबाव में जल्दबाजी में कार्रवाई की.
सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध ने आत्मघाती कार बम विस्फोट के सामान्य तरीके का पालन नहीं किया. उसने न तो कार को किसी टारगेट से हिट किया और न ही जानबूझकर टक्कर मारी. बल्कि संदिग्ध ने घबराहट में ऐसा किया था. हालांकि, पुलिस आत्मघाती हमलावर हमले सहित सभी पहलुओं की जाँच कर रही है।
कई एजेंसियां जांच में शामिल
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि घटना से जुड़ी सभी संभावनाओं पर गौर किया जा रहा है, क्योंकि विस्फोट के कारण और मकसद का पता लगाने के लिए कई एजेंसियां जांच में शामिल हो गई हैं. दिल्ली पुलिस ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 16 और 18, विस्फोटक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.






