*_’हम सुपर सेंसर बोर्ड नहीं हैं.’, दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘ताज स्टोरी’ के खिलाफ दायर याचिका की खारिज_*
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म द ताज स्टोरी की रिलीज के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वो सुपर सेंसर बोर्ड नहीं है और इतिहास को लेकर विभिन्न लोगों के विभिन्न मत हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर करने के पहले पर्याप्त रिसर्च नहीं किया.
फिल्म ‘ताज स्टोरी’ के खिलाफ याचिका
कोर्ट ने कहा कि याचिका में अभिनेता परेश रावल को पक्षकार नहीं बनाया जाना चाहिए था. अगर कल आप कोई अवमानना याचिका दायर करेंगे तो क्या संबंधित वकील को पक्षकार बनाएंगे. परेश रावल एक प्रोफेशनल कलाकार है, वे कंटेंट के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर फिल्म से कोई समस्या है तो केंद्र सरकार के पास जाना चाहिए. तब केंद्र की ओर से पेश वकील आशीष दीक्षित ने कहा कि किसी भी याचिकाकर्ता ने सरकार को कोई प्रतिवेदन नहीं दिया है.
द ताज स्टोरी फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है. एक याचिका शकील अब्बास ने दायर किया था, जबकि दूसरी याचिका चेतना गौतम ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शकील शेख ने इस फिल्म को मिले सेंसर बोर्ड के प्रमाण पत्र की समीक्षा की मांगं की. याचिकाओं में कहा गया था कि इस फिल्म को दिखाने के पहले इस पर जरुरी डिस्क्लेमर प्रदर्शित किया जाना चाहिए. याचिका में मांग की गई थी कि फिल्म में डिस्क्लेमर में इस बात की घोषणा होनी चाहिए कि ये इतिहास के सच्चा वर्णन का दावा नहीं करता है.
तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप
याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म की रिलीज से सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है. सभी एजेंसियों को इस बात का निर्देश दिया जाना चाहिए कि वो फिल्म की रिलीज होने की स्थिति में किसी भी सूरत में सांप्रदायिक माहौल न खराब होने दें. याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म में तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है और एक खास प्रोपेगैंडा पर आधारित है. इस फिल्म के जरिये राजनीतिक लाभ लेने और सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है.
बता दें कि इस फिल्म का ट्रेलर 16 अक्टूबर को लांच हुआ था. ट्रेलर में दिखाया गया है कि ताज महल के गुंबद से भगवान शिव निकलते हैं. याचिका में कहा गया था कि इस फिल्म के ट्रेलर के जरिए ये बताने की कोशिश की गई है कि ताज महल अपने मूल रुप में मंदिर था.ऐसा ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ है. इस फिल्म में अभिनेता परेश रावल ने मुख्य भूमिका निभाई है.






