*_रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसा हरियाणा का संदीप, बंकर से वीडियो जारी कर लगाई मदद की गुहार, बोला- “मुझे जबरदस्ती सेना ज्वाइन कराई”_*
रोहतक: तैमूरपुर गांव का 29 वर्षीय संदीप 23 सितंबर 2024 को स्टडी वीजा पर रूस गया था. उसका सपना था कि पढ़ाई के साथ छोटा-मोटा काम करके अपने खर्चे निकाल लेगा. शुरुआत में संदीप ने छोटे-मोटे काम किए. कुछ समय पहले उसे रूसी सेना में कुक की नौकरी मिली. यहीं से हालात पूरी तरह बदल गए. अब रोहतक के संदीप ने बंकर से वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई है. वहीं संदीप के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
रूस में फंसा हरियाणा का संदीप: संदीप ने दावा किया कि उसे रूस में जबरन सेना में भर्ती करवा दिया. अब उसे यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में भेज दिया. बंकर से संदीप ने वीडियो जारी कर कहा “प्लीज मुझे यहां से निकलवाओ. मुझे रशियन आर्मी में फंसाया गया है. मुझे आगे भेजने के लिए बोल रहे हैं. आगे बहुत ज्यादा खतरा है. यहां (बंकर) से ढाई किलोमीटर दूर इन्होंने एक यूक्रेन की एक सिटी पर कब्जा किया हुआ है. उधर भेजने के लिए बोल रहे हैं. उधर बहुत खतरा है. ये मुझे रात को यहां से भेजेंगे. यहां नीचे माइन्स और ऊपर ड्रोन का खतरा है. मुझे यहां से निकालो, मेरी मदद करो”
बंकर से आई बेटे की पुकार: संदीप ने वीडियो में बताया कि बंकर, युद्ध स्थल से सिर्फ ढाई किलोमीटर की दूरी पर है. वहां खाने के नाम पर उसे सिर्फ दलिया दिया जा रहा है जो पर्याप्त नहीं है. संदीप ने बताया कि उसे 15 दिन की बेसिक ट्रेनिंग दी गई और फिर सेना की वर्दी पहना कर सीधे युद्ध में भेज दिया गया. उसने कहा कि प्रशासन डरा-धमका कर जबरन काम करवा रहा है और उसकी जान खतरे में है. संदीप की मांग है कि उसे जल्द से जल्द वहां से निकाला जाए.
संदीप के मां-बाप को सता रही चिंता: संदीप के माता-पिता, सरोज और बख्शी राम, मेहनत मजदूरी कर अपना घर चलाते हैं. तीन बेटों में सबसे छोटा संदीप ही था, जिससे उन्हें सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं. परिवार ने गहने बेचकर और कर्ज लेकर 6 लाख रुपये जुटाए और उसे पढ़ाई के लिए रूस भेजा. उन्हें लगा था कि बेटा एक दिन पढ़-लिखकर उनकी जिंदगी संवार देगा. लेकिन एक दिन जब वीडियो कॉल आई, तो उनका सपना बिखर गया. नींदें उड़ गईं और चिंता की लकीरें गहरी होती चली गई. अब वे बस यही चाहते हैं कि उनका बेटा सुरक्षित घर लौट आए.
संदीप के पिता ने नम आंखों से बताई पूरी कहानी: संदीप के पिता ने नम आंखों से कहा “संदीप को यहां से चरखी दादरी के एजेंट ने स्टडी के लिए रूस भेजा था. सितंबर 2024 में संदीप यहां से गया था. एजेंट ने उसे लालच दिया था कि रूस में वो पढ़ाई के साथ कुक का काम करेगा, तो उसे पैसे भी यहां से ज्यादा मिलेंगे और पढ़ाई भी पूरी हो जाएगी. जिसके बाद वहीं अच्छा काम मिल जाएगा. वहां जाने के बाद एजेंटों ने उसके सारे दस्तावेज जमा कर लिए और उसके हाथ में बंदूक थमा दी. संदीप को कहा ये कि ये तेरी सेफ्टी के लिए है. 15 दिन की ट्रेनिंग देकर उसे यूक्रेन के साथ युद्ध पर भेज दिया. हमारी सरकार और प्रशासन से अपील है कि हमारे बेटे को सही सलामत भेज दें.”
बताते-बताते रो पड़ी संदीप की मां: संदीप की मां ने बताया “मेरा बेटा संदीप पढ़ने के लिए रूस गया था. उसे कहा गया था कि कुक का काम करना है, लेकिन उसे वहां 15 दिन की ट्रेनिंग देकर यूक्रेन के साथ लड़ाई में भेज दिया. वहां उसे खाने को भी कुछ नहीं देते. सिर्फ दलिया देते हैं वो भी पर्याप्त नहीं है. मेरी सरकार और प्रशासन से अपील है कि मेरे बेटे को सही सलामत वापस भेजा जाए. इसके अलावा हम कुछ नहीं चाहते”.
संदीप के दोस्त के पास आया था मैसेज: संदीप के दोस्त मयंक ने बताया कि “करीब 15 दिन पहले मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज आया था. जिसमें उसने बताया था कि मुझे रूसी आर्मी ज्वाइन करा दी गई है और कहा गया है कि आर्मी में कुक का काम करना होगा. मैंने कहा कि ठीक है. अपना ध्यान रखना. इसके बाद फिर से उसकी कॉल आई. जिसमें उसने बताया कि वो फंस चुका है. कुक का काम कह कर उसे यूक्रेन बॉर्डर पर लड़ने के लिए भेज दिया है. उसने वहां से निकलने के लिए मदद मांगी है.”
‘एजेंट ने लिया पैसा, अब नहीं उठा रहा फोन’: परिवार ने बताया कि उन्होंने दादरी के एक एजेंट को 6 लाख रुपये दिए थे, जो संदीप को स्टडी वीजा पर रूस भेजने का वादा कर रहा था. अब जब संदीप संकट में है, एजेंट ना तो फोन उठा रहा है और ना ही संपर्क में है. परेशान माता-पिता ने प्रधानमंत्री से लेकर जिला प्रशासन तक कई जगह एप्लीकेशन दी हैं. वे सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को सुरक्षित घर लाया जाए. सरोज और बख्शी राम की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पूरे गांव में इस खबर से मायूसी छाई है.






