*_अयोध्या में अब 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय; टाटा ग्रुप कराएगा निर्माण, संचालन भी करेगा_*
लखनऊ : योगी सरकार ने अयोध्या को और डेवलप करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब इसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थान के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके तहत सरकार ने टाटा संस के साथ मिलकर राम नगरी में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है.यह फैसला योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इसके बाद फैसले के बारे में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा संस ने अपने (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) CSR फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है. इसके लिए कंपनी एक्ट 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी एसपीवी बनाया जाएगा.इसमें भारत सरकार, राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. परियोजना के लिए भूमि आवंटन के लिए भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के बीच त्रिपक्षीय MOU बीते 3 सितंबर 2024 को साइन हो चुका है.
टाटा ने की थी अधिक जमीन की मांग : वित्त मंत्री ने बताया कि पूर्व में प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा संस को 90 साल के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी, लेकिन टाटा संस ने संग्रहालय की भव्यता को ध्यान में रखते हुए अधिक भूमि की अपेक्षा की थी. ऐसे में अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और भूमि का निशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से, पर्यटन विभाग के पक्ष में किया जाएगा. ताकि परियोजना का दायरा और बढ़ाया जा सके. अब यह संग्रहालय कुल मिलाकर 52.102 एकड़ में बनेगा.
म्यूजियम बनने से अयोध्या को होंगे ये फायदे
वर्ल्ड-क्लास मंदिर संग्रहालय तैयार होने के बाद अयोध्या को मिलेगी नई सांस्कृतिक पहचान.
बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे.
बढ़ते पर्यटन से सरकार को राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी.
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और अब ध्वजारोहण समारोह के बाद, अयोध्या में पर्यटकों का आना-जाना बढ़ गया है. अब रोजाना लगभग 2 से 4 लाख टूरिस्ट अयोध्या धाम पहुंच रहे हैं. युवा पीढ़ी, विदेशी सैलानियों और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले आगंतुकों को ध्यान में रखते हुए, अयोध्या में सांस्कृतिक आकर्षणों को बढ़ाने की दिशा में ये संग्रहालय मदद करेगा.






