*_गुजरात ATS ने आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के आरोप में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया_*
अहमदाबाद: गुजरात एंटी टेरारिज्म स्क्वाड (ATS) ने रविवार को अहमदाबाद से तीन संदिग्धों को हथियार सप्लाई करते हुए गिरफ्तार किया. इन पर देश भर में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है. गुजरात एटीएस के अनुसार, तीनों संदिग्ध पिछले एक साल से उनकी नजर में थे.गुजरात एटीएस ने एक बयान में कहा, “गुजरात एटीएस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. वे पिछले एक साल से गुजरात एटीएस की नजर में थे. तीनों को हथियार सप्लाई करते हुए गिरफ्तार किया गया. वे देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहे थे.”गुजरात एटीएस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें डॉ अहमद मोहिउद्दीन सैयद, मोहम्मद सुहेल और आजाद शामिल हैं. तीनों को अडालज टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया है. उनके पास दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल, 30 जिंदा कारतूस और 4 लीटर अरंडी का तेल बरामद किया गया है.
AQIS के पांच आतंकवादी गिरफ्तार
बता दें कि इस साल की शुरुआत में गुजरात एटीएस ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) के पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें बेंगलुरु की एक महिला भी शामिल थी, जो कथित तौर पर एक ऑनलाइन आतंकी मॉड्यूल चला रही थी और उसके पाकिस्तानी संपर्कों से संबंध थे.
एटीएस ने आतंकवादी संगठन अल-कायदा से कथित संबंधों के आरोप में बेंगलुरु से 30 वर्षीय महिला समा परवीन को गिरफ्तार किया था. गुजरात एटीएस के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) सुनील जोशी के अनुसार, महिला को अल-कायदा से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसकी गिरफ्तारी इस मामले से जुड़े तीन अन्य व्यक्तियों की पूर्व में हुई हिरासत के बाद हुई है.
जुलाई में चार आतंकवादी हुए गिरफ्तार
23 जुलाई को भी एटीएस ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) से कथित संबंधों वाले चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली के मोहम्मद फैक, अहमदाबाद के मोहम्मद फरदीन, अरावली के मोडासा के सेफुल्लाह कुरैशी और उत्तर प्रदेश के नोएडा के जीशान अली के रूप में हुई.
गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हु गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने कहा था कि चारों संदिग्धों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही थी, क्योंकि उनके अल-कायदा से संबद्ध प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन एक्यूआईएस से जुड़े होने का संदेह था. उन्होंने बताया कि यह अभियान विशिष्ट खुफिया सूचनाओं और समन्वित निगरानी के आधार पर चलाया गया.






