- *_भारतीय रेलवे का बड़ा एक्शन, 3 करोड़ से अधिक IRCTC अकाउंट बंद_*
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने जनवरी 2025 से तीन करोड़ से अधिक संदिग्ध IRCTC यूजर आईडी को डीएक्टिवेट किया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी से रेलवे टिकट रिजर्वेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 3.02 करोड़ संदिग्ध यूजर आईडी अकाउंट को डीएक्टिवेट कर दिया गया है.
अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि भारतीय रेलवे का रिजर्वेशन टिकट बुकिंग सिस्टम एक मजबूत और बेहद सुरक्षित आईटी प्लेटफॉर्म है, जो अत्याधुनिक साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल से लैस है. उन्होंने कहा कि इंडियन रेलवे ने रिजर्वेशन सिस्टम की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने और नियमित और तत्काल टिकट की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
रेल मंत्री ने बताया कि तत्काल बुकिंग में गड़बड़ियों को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार के जरिये OTP वेरिफिकेशन को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि नया सिस्टम पहले से ही 322 ट्रेनों में काम कर रहा है और इसकी वजह से इन ट्रेनों में कन्फर्म तत्काल टिकट मिलने का समय लगभग 65 प्रतिशत बढ़ गया है.
उन्होंने कहा कि ऑटोमेटेड या नॉन-रीयल टिकट बुकिंग की कोशिशों को रोकने और यात्रियों के लिए रेलवे टिकट बुकिंग एक्सेस खुला रखने के लिए AKAMAI सहित एंटी-बॉट टूल्स लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि आधार-बेस्ड ओटीपी वेरिफिकेशन प्रक्रिया रेलवे के रिजर्वेशन काउंटरों पर शुरू की गई है और अब यह 211 ट्रेनों में एक्टिव है.
तत्काल टिकट की उपलब्धता का समय बढ़ा
रेलवे के मुताबिक, नए उपायों को लागू करने के बाद कई प्रमुख ट्रेनों में कन्फर्म तत्काल टिकट की उपलब्धता का समय भी बढ़ गया है. संदिग्ध रूप से बुक किए गए PNR के संबंध में शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज की गई हैं.रेलवे का रिजर्वेशन सिस्टम नेटवर्क फायरवॉल, घुसपैठ रोकथाम प्रणाली (आईपीएस), एप्लिकेशन डिलीवरी कंट्रोलर और वेब एप्लिकेशन फायरवॉल जैसी कई सुरक्षा लेवल का उपयोग करता है.रेल मंत्रालय ने बताया कि यात्रियों और जन प्रतिनिधियों से अनुरोध और सुझाव पूरे साल रेलवे के विभिन्न स्तरों पर प्राप्त होते हैं. इनकी जांच की जाती है, और जहां संभव हो, कार्रवाई की जाती है.






