*_अयोध्या धर्म ध्वजारोहण; पीएम मोदी बोले- 2047 तक भारत को समृद्ध बनाना है तो सभी को भीतर का राम जगाना होगा_*

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*_अयोध्या धर्म ध्वजारोहण; पीएम मोदी बोले- 2047 तक भारत को समृद्ध बनाना है तो सभी को भीतर का राम जगाना होगा_*

अयोध्या : पीएम नरेंद्र मोदी आज अयोध्या के दौरे पर थे. उन्होंने राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा फहराई. इसके बाद उन्होंने कहा कि साल 2047 तक भारत को अगर समृद्ध बनाना है तो सभी को अपने भीतर का राम जगाना होगा. अयोध्या देश की उत्कृष चेतना का केंद्र बिंदु बन रही है. आज पूरा विश्व राममय है. अगले 10 वर्षों में देश को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालना है.

पीएम ने आगे कहा कि हर राम भक्त के ह्रदय में संतोष, आनंद और कृतज्ञता है. सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्ज्वलित रही है. यह यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं.

‘यह सभ्यता पुनर्जागरण का ध्वज’ : पीएम मोदी ने कहा कि भगवान श्रीराम के गर्भगृह की अनंत ऊर्जा और दिव्य प्रताप इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है. यह धर्म ध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं है, यह भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है. इसका भगवा रंग, इस पर रची सूर्य वर्ष की ख्याति, ओम शब्द रामराज्य की कीर्ति को बढ़ा रहा है. यह ध्वज संकल्प, सफलता और सदियों से चले आ रहे स्वपन का साकार रूप है.

‘राम के आदर्शों का उद्घोष करेगा यह ध्वज’ : पीएम ने कहा कि यह ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीत है. आने वाली सदियों में यह ध्वज राम के आदर्शों व सत्यमेव जयते का उद्घोष करेगा. यह ध्वज उद्घोष करेगा कि सत्य ही ब्रह्म का स्वरूप है. सत्य में ही धर्म स्थापित है. यह धर्म ध्वज प्रेरणा बनेगा प्राण जाए पर वचन न जाए. यह धर्म ध्वज संदेश देगा कर्म प्रधान विश्व रचि राखा. यह धर्म ध्वज हमें संकल्पित करेगा कि हम ऐसा समाज बनाएं जहां गरीबी न हो, कोई दुखी या लाचार न हो.

दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा ध्वज : पीएम ने कहा कि हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि जो लोग किसी कारण मंदिर नहीं आ पाते हैं, दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है. यह धर्म ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा. यह युगों-युगों तक प्रभु राम के आदर्शों को मानव मात्र तक पहुंचाएगा. मैं विश्व के करोड़ों रामभक्तों को इसकी शुभकामनाएं देता हूं.

मैं राम मंदिर के निर्माण से जुड़े भक्तों, दानवीरों, कारीगरों, श्रमिकों और वास्तुकारों का अभिनंदन करता हूं. यह वह भूमि है जहां आदर्श आचरण में बदलते हैं. यही वहीं भूमि है जहां प्रभु राम ने अपना जीवन शुरू किया.

विकसित भारत बनाने के लिए सामूहिक शक्ति की जरूरत : पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की आवश्यकता है. राम मंदिर का यह प्रांगण भारत के सामूहिक चेतना का प्रतीक है. यहां माता शबरी का मंदिर है. यह जनजातीय समाज के प्रेमभाव का प्रतीक है. यहां निषादराज का मंदिर है. यह उस मित्रता का साक्षी है जो साधन नहीं साध्य को पूजता है.यहां माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, तुलसीदास समेत कई संत हैं. रामलला के साथ-साथ इन सभी के दर्शन यहीं होते हैं. यहां जटायू और गिलहरी भी है. मैं सभी देशवासियों से कहूंगा कि इन सप्त मंदिरों के दर्शन भी जरूर करें.

 

‘दलित, पिछड़े, अति पिछड़े को विकास के केंद्र में रखा’ : पीएम ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े समेत हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है. देश का हर वर्ग समृद्ध करना है. 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तब तक हमें विकसित भारत का निर्माण करना ही होगा. राम से राष्ट्र के संकल्प की चर्चा की थी. हमें भावी पीढ़ियों के बारे में भी सोचना है. हम जब नहीं थे, यह देश तब भी था, जब हम नहीं रहेंगे, यह देश तब भी रहेगा. हमें दूर दृष्टि के साथ काम करना होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि राम यानी सत्य और पराक्रम का संगम. राम यानी धर्म पथ पर चलने वाला व्यक्तित्व. राम यानी जनता के सुख को सर्वोपरि रखना. राम यानी धर्म और क्षमा का दरिया. राम यानी ज्ञान और विवेक की पराकाष्ठा. राम यानी कोमलता में दृढ़ता. राम यानी कृतज्ञता का सर्वोच्च उदाहरण. राम यानी श्रेष्ठ संगति का चयन. राम यानी विनम्रता में महाबल. राम यानी सत्य का अडिग संकल्प. राम यानी जागरूक, अनुशाषित और निष्कपट मन. राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं एक मूल्य और एक दिशा है. 2047 तक भारत को समृद्ध बनाना है तो भीतर के राम को जगाना होगा.

‘बड़ा संदेश देता है कोविदार का वृक्ष’ : पीएम ने कहा कि आज का यह दिन बड़ा मौका लेकर आ गया है. इस धर्म ध्वजा में कोविदार का वृक्ष भी बड़ा संदेश देता है. यह केवल एक वृक्ष की वापसी नहीं है, यह हमारी अस्मिता का पुनर्जागरण है. कोविदार का वृक्ष बताता है कि जब हम पहचान खोते हैं तो सब कुछ खो देते हैं, अगर देश को आगे बढ़ाना है तो अपनी विरासत पर गर्व करना होगा. हमें गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह से मुक्त होना पड़ेगा. 1835 में मैकाले नाम के अंग्रेज ने भारत में मानसिक गुलामी की नींव रखी थी. 2035 में इसके 200 साल पूरे हो रहे हैं.

‘भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना है’ : प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 10 सालों का लक्ष्य लेकर चलना है कि भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना है. मैकाले ने जो सोचा था उसका बड़ा असर हुआ. हमें आजादी मिली लेकिन वह विकार नहीं गया है. एक विकार आया कि विदेश की चीजें अच्छी हैं, हमारी चीजें अच्छी नहीं हैं. भारत लोकतंत्र की जननी है. लोकतंत्र हमारे डीएनए में है. तमिलनाडु के उत्तरी हिस्से में एक गांव है, जहां हजारों वर्ष का एक शिलालेख है, उसमें बताया गया है कि हजारों साल पहले कैसे सरकार चुनी जाती थी. हमारे यहां कई विषयों की जानकारी सीमित रखी गई.

पीएम ने कहा कि गुलामी की मानसिकता के कारण भारत की पीढ़ियों को इससे वंचित रखा गया. याद करिए भारतीय नौसेना का ध्वज पर ऐसे प्रतीक बन रहे जिनका हमारी विरासत से कोई संबंध नहीं था. हमने नौ सेना के ध्वज से गुलामी के प्रतीक को हटाया है. हमने शिवाजी महाराज की विरासत को स्थापित किया है. आज अयोध्या में भी यही बदलाव दिख रहा है. ये गुलामी की मानसिकता ही है जिसने रामत्व को कई वर्षों तक नकारा है. ओरक्षा के राजाराम से लेकर रामेश्वर के राम तक भारत के हर घर में और भारत के हर कण-कण में राम हैं.

गुलामी की मानसिकता इतनी हावी हो गई कि प्रभु राम को काल्पनिक घोषित किया जाने लगा. अगर हम ठान लें कि 10 सालों में भारत को मानसिक गुलामी से मुक्त कराना है. इससे 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा होने से कोई नहीं रोक सकेगा. यह तभी होगा जब हम मैकाले की गुलामी की नीति को ध्वस्त कर देंगे.

अयोध्या की बेहतरी के लिए निरंतर चल काम : पीएम मोदी ने कहा कि त्रेता युग की अयोध्या ने मानवता को नीति दी. 21वीं सदी की अयोध्या ने विकसित भारत की नीति दी. इस अयोध्या में पौराणिकता और आधुनिकता का संगम होगा. अयोध्या में आज एयरपोर्ट, वंदे भारत समेत कई सुविधाएं हैं. अयोध्या की बेहतरी के लिए निरंतर काम चल रहा है. राम मंदिर स्थापना से लेकर अब तक 45 करोड़ भक्त आ चुके हैं. इससे अयोध्या औऱ आसपास के लोगों की आय में वृद्ध हुई है.

पीएम ने कहा कि कभी अयोध्या विकास के पैमानों में पीछे थी. आज अयोध्या यूपी में अग्रणी है. भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. जल्द ही हम तीसरे स्थान पर पहुंचने वाले हैं. आने वाला समय नई संभावनाओं का है. इसमें भगवान राम के विचार ही हमारी प्रेरणा बनेंगे. रावण पर विजय पाने के लिए जो रथ चाहिए शौर्य और धैर्य उसके पहिए हैं. बल, विवेक, संयम इसके घोड़े हैं. लगाम क्षमा, दया और समता है. यह रथ को सही दिशा में रखते हैं.

विकसित भारत को गति देने के लिए ऐसा ही रथ चाहिए. चुनौतियों से टकराने का साहस भी हो, परिणाम आने तक दृढ़ता से टिके रहना हो. नीति, नीयत और नैतिकता से कभी समझौता नहीं होना चाहिए. यह पल कंधे से कंधा मिलाने का है. हमें वो भारत बनाना है जो रामराज्य से प्रेरित हो. यह तभी संभव है जब देश हित सर्वोपरि हो.

मोहन भागवत बोले- आज का दिन सार्थकता का दिवस : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज हम सबके लिए एक सार्थकता का दिवस है. इतने लोगों ने प्रयास किए इतने लोगों ने अपन प्राण दिए. आज उनकी आत्मा तृप्त हुई होगी. न जाने कितने संतों ने प्राणार्पण किया मंदिर को बनवाने के लिए. आज इस मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है. रामराज्य का ध्वज जो कभी अयोध्या में फहराता है वो ध्वज आज फिर से अपने शिखर पर विराजमान हो गया है. ध्वज प्रतीक होता है. मंदिर बनने में समय लगा.

‘कोविदार का वृक्ष है रघुकुल का प्रतीक’ : आरएसएस चीफ ने कहा कि सबका जीवन जिससे ठीक चलेगा उस धर्म का प्रतीक भगवा रंग ही इस ध्वज का रंग है. यह धर्म ध्वज है. इस धर्म ध्वज पर रघुकुल का प्रतीक कोविदार का वृक्ष है. यह कचनार का वृक्ष जैसा लगता है. इसे मंदार और कचनार के गुणों का समुच्य भी कहा जाता है. यह वृक्ष रघुकुल की सत्ता का प्रतीक है. इस वृक्ष के लिए कहा जाता है यह सबके लिए छाया देता है, स्वयं धूप खाते हैं. वृक्ष सद्पुरुष होते हैं. कचनार का वृक्ष औषधि भी है. धर्म जीवन ऐसा जीवन होता है. चाहे कितनी कठिनाइयां हो हमारा संकल्प है सूर्य भगवान उस तेज और संकल्प के प्रतीक है.

भागवत ने आगे कहा कि कार्य की सिद्धी स्वत: के भरोसे होते हैं. इस आंदोलन में लगातार 500 साल खुद को सिद्ध किया और रामलला आ गए. यही बात सत्य पर आधारित पर धर्म को देने वाला भारत हमको खड़ा करना है. राम मंदिर की प्रक्रिया आज पूरी हो गई. भारत को दुनिया में खड़ा करने का काम शुरू हो गया है. हम सबको मिलकर भारत को फिर स्थापित करना है. आज हमारी कृतार्थता का दिवस है. यह संकल्प की पुनरावृत्ति है. पृथ्वी वासी चरित्र की शिक्षा भारत से सीखे, ऐसा देश हो भारत वर्ष है. हमारा कर्तव्य है रामलला का नाम लेकर इस कार्य की गति बढ़ाएं.

‘पिछले 500 साल से अडिग रही आस्था’ : सीएम योगी ने कहा कि आज बड़ा मौका है. पिछले 500 वर्षों में साम्राज्य बदले और पीढ़ियां बदलीं लेकिन आस्था नहीं बदली. आस्था अडिग रही. आरएएस के हाथों में जब इसकी कमान आई तो रामलला के लिए उद्घोष गूंजने लगे. एक वक्त था जब अयोध्या बदहाली का निशान बन गया था. अब अयोध्या में हर दिन एक पर्व है. हर दिशा में रामराज्य के स्थापना हो चुकी है. अब यह नगरी एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है. यहां पर धर्म पथ, राम पथ, भक्ति पथ, पंच कोसी, 14 कोसी और 84 कोसी परिक्रमा भक्तों को सुख प्रदान कर रही है.

सीएम ने कहा कि अब अयोध्या में एयरपोर्ट भी है. अयोध्या अब यूपी की नई अर्थव्यवस्था के रूप में बन रही है. यह देश की पहली सोलर सिटी भी है. आज का यह दिन हमारे लिए आत्मगौरव का दिन है. इस मौके पर पीएम मोदी, मोहन भागवत और संतों का स्वागत करता हूं.


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