ऐतिहासिक होगा अर्द्धकुम्भ – धामी
सीएम ने की अखाड़ों के साथ बैठक, पहला शाही स्नान 14 जनवरी को
हरिद्वार। अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों और अखाड़ों को इस ऐतिहासिक मेले में आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हरिद्वार डाम कोठी में अखाड़ा प्रतिनिधियों के साथ पहली उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में मेला प्रशासन की ओर से 13 अखाड़ों के दो-दो सचिव या नामित प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में पूज्य साधु-संतों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने कुंभ 2027 के शाही स्नानों की तिथियों की घोषणा भी की। मेले का प्रथम शाही स्नान 14 जनवरी 2027 को आयोजित होगा। कुछ दिन पहले जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अिखल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज द्वारा अर्धकुंभ को लेकर दिए गए बयान से अखाड़ों और प्रशासन के बीच हलचल मच गई थी। इस पर मेला प्रशासन ने संत महात्माओं को समझाने का प्रयास किया। इसी के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संतों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में आयोजित इस बैठक में सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। परंपरा के अनुसार, कुंभ और अर्धकुंभ को लेकर आयोजित पहली बैठक में मुख्यमंत्री अखाड़ों के सुझाव लेते हैं और उन्हें मेले में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा अर्धकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था, संस्कृति और विश्व में भारतीय पहचान का प्रतीक है। हम चाहते हैं कि अर्धकुंभ मेला कुंभ की भव्यता और दिव्यता का अनुभव दे। इसके लिए अखाड़ों, संत समाज और श्रद्धालुओं की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार सभी अखाड़ों के साथ निरंतर संवाद रखेगी और मेले से जुड़ी हर व्यवस्थाकृसुरक्षा, स्वच्छता, आवागमन, तकनीकी प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधाएंकृसर्वाेच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि शासन-प्रशासन और मेला समिति पूरी तत्परता के साथ तैयारियों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के अनुभव को सहज और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। संत समाज ने मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की और आश्वासन दिया कि वे अर्धकुंभ मेला 2027 को भव्य और विश्व-स्तरीय बनाने में पूर्ण सहयोग करेंगे। बैठक में मेला प्रशासन ने संतों के सुझावों को नोट किया और आगामी व्यवस्थाओं में उन्हें लागू करने का भरोसा दिया। बैठक में शाही स्नानों की तिथियां भी घोषित की गयी। पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2027 को रखा गया।






