*_नारायणपुर में 16 नक्सलियों का सरेंडर, 70 लाख के इनामी माओवादियों ने डाले हथियार_*

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*_नारायणपुर में 16 नक्सलियों का सरेंडर, 70 लाख के इनामी माओवादियों ने डाले हथियार_*

नारायणपुर: नक्सल फ्रंट पर छत्तीसगढ़ के सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 70 लाख रुपये के 10 इनामी माओवादियों के साथ कुल 16 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सभी नक्सलियों ने नारायणपुर एसपी रॉबिनसन गुड़िया के सामने हथियार डाले हैं.

सरेंडर करने वाले नक्सलियों की कैडरवार जानकारी: आत्मसमर्पित माओवादियों में पीएलजीए मिलिट्री कंपनी नंबर-1 के डिप्टी कमांडर, डीवीसीएम, एसीएम, पार्टी और जनताना सरकार सदस्य शामिल हैं. सभी ने हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की शपथ ली है.

पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लगातार दबाव और अंदरूनी इलाकों में नवनिर्मित कैंपों के कारण नक्सलियों का मनोबल तेजी से कमजोर हो रहा है. नारायणपुर पुलिस की सक्रियता और जनजागरण अभियान के फलस्वरूप अब माओवादी खुद आत्मसमर्पण कर समाज की ओर लौट रहे हैं. बुधवार 8 अक्टूबर को कुल 16 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें 70 लाख के इनामी नक्सली शामिल हैं- रॉबिनसन गुड़िया, एसपी, नारायणपुर

 

सरेंडर करने वाले नक्सलियों का प्रोफाइल जानिए: नारायणपुर एसपी के सामने जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. उनकी डिटेल प्रोफाइल पर नजर

 

पोदिया मरकाम उर्फ रतन (डिप्टी कमांडर, पीएलजीए मिलिट्री कंपनी-1), ₹8 लाख इनामी

 

मनोज दुग्गा उर्फ शंकर (सदस्य, कंपनी-1), ₹8 लाख का इनामी

 

सुमित्रा उर्फ सन्नी कुर्साम (महिला सदस्य, कंपनी-1), ₹8 लाख की इनामी

 

मड्डा कुंजाम उर्फ सोनारू (सदस्य, कंपनी-1), ₹8 लाख का इनामी

 

रवि उर्फ गोपाल वड्डे (सदस्य, कंपनी-1), ₹8 लाख का इनामी

 

कारे कोर्राम (सदस्य, कंपनी-1), ₹8 लाख का इनामी

 

वनीला फरसा (सदस्य, कंपनी-6), ₹8 लाख का इनामी

 

गावडे उर्फ दिवाकर (डीवीसीएम, उत्तर ब्यूरो टेक्निकल टीम), ₹8 लाख का इनामी

 

बुधू उर्फ कमलेश उसेण्डी (माड़ डिवीजन स्टाफ टीम एसीएम), ₹5 लाख का इनामी

 

सोमलो कश्यप उर्फ मनीषा (कुतुल एलजीएस सदस्य), ₹1 लाख का इनामी

 

नरसू वड्डे

 

सोनू जटी

 

इरगू वड्डे, जनताना सरकार सदस्य

 

बुधनी गोटा उर्फ रेश्मा, राजे गोटा उर्फ वनिता, मासे गोटा उर्फ ललिता, गुमरका पंचायत मिलिशिया सदस्य

 

राजे गोटा उर्फ वनिता, उम्र 19 वर्ष, गुमरका पंचायत मिलिशिया सदस्य

 

मासे गोटा उर्फ ललिता, उम्र 20 वर्ष, गुमरका पंचायत मिलिशिया सदस्य

 

नारायणपुर में 16 नक्सलियों का आत्मसमर्पण सिर्फ पुलिस की जीत नहीं, बल्कि बस्तर के आदिवासी समाज में बढ़ती शांति और जागरूकता का प्रतीक है.लगातार हो रहे कैंप विस्तार, संवाद और पुनर्वास नीतियों के असर से अब माओवादी संगठन कमजोर पड़ते जा रहे हैं. यह आत्मसमर्पण एक मजबूत संदेश है कि बस्तर अब बदल रहा है, और विकास की राह पर लौट रहा है- रॉबिनसन गुड़िया, एसपी, नारायणपुर

नारायणपुर एसपी ने क्या कहा?: इस अवसर पर नारायणपुर एसपी रॉबिनसन गुड़िया ने कहा कि हमारा लक्ष्य अबूझमाड़ के मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से मुक्त कर शांति और विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है. अब समय आ गया है कि माओवादी भाई-बहन हथियार छोड़कर समाज की सेवा में आगे आएं. माड़ को अब उसके मूलवासियों को लौटाना होगा, जहां वे भयमुक्त होकर सामान्य जीवन जी सकें.

सरेंडर नक्सलियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा: सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने पुलिस से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है. नक्सलियों ने बताया कि शीर्ष कैडर के माओवादी नेता ही आदिवासियों के असली दुश्मन हैं. वे जल, जंगल, जमीन की रक्षा और समानता के झूठे सपने दिखाकर ग्रामीणों को गुमराह करते हैं. महिला नक्सलियों का संगठन में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से शोषण किया जाता है. कई महिला नक्सलियों का जीवन नर्क बन चुका है.

सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मिली प्रोत्साहन राशि: सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को शासन की नक्सल उन्मूलन पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया है. पुलिस प्रशासन ने उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक सुरक्षा और पुनर्वास सुविधाओं का भरोसा दिया है.

नक्सल सरेंडर और नारायणपुर जिले का ग्राफ: साल 2025 में अब तक नारायणपुर में कुल 192 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.


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