*_हिजाब विवाद पर नीतीश कुमार को पाकिस्तान से धमकी, कहा- ‘माफी मांग लें, नहीं तो..’_*

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*_हिजाब विवाद पर नीतीश कुमार को पाकिस्तान से धमकी, कहा- ‘माफी मांग लें, नहीं तो..’_*

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘हिजाब विवाद’ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है. इसकी गूंज पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सुनाई पड़ रही है. धमकी दी गई हैं, तो वहीं अखबार से लेकर पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद तक यह मामला पहुंच गया है. मामले को लेकर हो रही राजनीति पर जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

क्या है विवाद? : आपको हम पूरी जानकारी देंगे, पर पहले आपको वह घटना बताते हैं जिसको लेकर पूरा विवाद चल रहा है. दरअसल 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास के ‘संवाद’ में नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपा जा रहा था. वैसे तो कुल 685 अभ्यर्थी थे, पर मुख्यमंत्री आवास पर 10 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया.

नीतीश कुमार जब नियुक्ति पत्र दे रहे थे तब महिला अभ्यर्थी पहुंची. वह हिजाब पहनी हुई थी. नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र देकर पूछा ‘ये क्या है’. फिर उन्होंने नकाब को हटा दिया था. इसको लेकर वहां कुछ देर के लिए ऊहापोह की स्थिति हो गई थी. जिसको लेकर आरजेडी ने तंज कसा था.

 

‘CM का यह व्यवहार अमर्यादित’ : राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो किया है वह माफी योग्य नहीं है. उनको खेद प्रकट करनी चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ना तो यह पहली बार किया है और ना ही यह आखरी बार है. महिलाओं के साथ उनकी क्रूरता अक्सर देखी जाती है. कई बार तो उनके कार्यक्रमों में महिलाओं के जाने पर रोक लगाया गया था. नीतीश कुमार का यह व्यवहार अमर्यादित रहा है.

”अब डर यह सता रहा है कि कल को कोई भी व्यक्ति किसी के साथ दुर्व्यवहार करता है तो उसे सजा कैसे दी जाएगी. इसका परिणाम दूरगामी हो सकते हैं. हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सम्मान करते हैं. मुख्यमंत्री की पद के गरिमा को आघात पहुंचा है. सबसे बड़ी बात है कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने खुद ही कहा था कि इनको कांके भेज देना चाहिए. वहीं जीतन मांझी ने यह भी कहा था कि इनको दवा खिलाया जाता है. तो यह गंभीर विषय है.”- शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल

जमा खान ने नीतीश कुमार का किया बचाव : मामले पर जेडीयू नेता व बिहार सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान ने कहा कि पता नहीं नेताओं का स्तर इतना क्यों गिर गया है? जिस नीतीश कुमार के बारे में अनाप-शनाप बोल रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि नीतीश कुमार ने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है. नीतीश कुमार हमेशा हर किसी का सम्मान करते हैं. ऐसा कभी किसी को महसूस भी नहीं कराते हैं कि वह मुख्यमंत्री हैं.

 

”जिस लड़की की बात हो रही है, वह उनकी बेटी के समान है. सीएम नीतीश कुमार का यह स्नेह भाव है. वह सभी धर्मों और जातियों के लोगों से प्यार करते हैं. रही बात अल्पसंख्यक समाज की, तो वह इसका बहुत सम्मान करते हैं. आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए कि जिस व्यक्ति ने बिहार को संवारा उपर उंगली उठा रहे हैं.”- जमा खान, अल्पसंख्यक मंत्री, बिहार सरकार

 

CM को दी गई धमकी : अब मामले पर पाकिस्तान के एक शख्स शहजाद भट्टी का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह सीएम नीतीश कुमार से मांफी की मांग कर रहा है. वीडियो पोस्ट करते हुए शहजाद भट्टी ने कहा कि बिहार में जो हुआ सबने देखा. ऊंचे पद पर बैठे एक व्यक्ति ने मुस्लिम महिला से गलत व्यवहार किया. भारत सरकार के जिम्मेदार संस्थानों को इसपर एक्शन लेना चाहिए. नहीं तो बाद में ये नहीं कोई कहे कि चेतावनी नहीं दी गई थी.

शहजाद भट्टी की चर्चा जून 2024 में हुई थी. जब भारत के एक गैंगस्टर ने उससे जेल में रहते हुए वीडियो कॉल पर ईद की बधाई दी थी. यही नहीं जेल से इंटरव्यू देने के मामले में उस वक्त पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री भगवंत मान ने इसको लेकर एसआईटी भी गठित किया था.

 

HRCP पहुंचा मामला : इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया है. अखबर में इसको लेकर रिपोर्ट भी छपी है. मामला पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद तक पहुंच गया है. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने कहा है कि यह एक महिला का अपमान नहीं है बल्कि महिलाओं की व्यक्तिगत स्वायत्तता और मौलिक मानवाधिकारों पर खुला हमला है. संयुक्त राष्ट्र महासभा और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन भारत से जवाब मांगे.

 

JDU ने दिखाया आईना : इधर, पाकिस्तान को बिहार के सत्ताधारी नेताओं ने आईना दिखाया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि यह पाकिस्तान नहीं भारत है. इस तरह की भाषा पाकिस्तान में बोली जाती है. भारत में नहीं बोली जाती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए उत्कृष्ट कार्य किए हैं. चाहे वक्फ की संपत्ति हो, चाहे तालीम हो और उनका किस तरीके से विकास हो सबसे ज्यादा उस पर काम किया है. आज की तारीख में नीतीश कुमार के कार्यों का अनुकरण दूसरे राज्य कर रहे हैं.

‘पाकिस्तानी मानवाधिकार अपना क्षेत्र देखे’ : वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा पाकिस्तानी मानवाधिकार अपना क्षेत्र देखे. भारत का क्षेत्र न देखे. उनके यहां मानवाधिकार की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती है यह देश दुनिया में प्रचलित है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं की सुरक्षा के लिए जाने जाते हैं. यही उनकी यूएसपी है. महिलाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में सबसे ज्यादा सुरक्षित रही हैं. इसकी चिंता पाकिस्तान मानव अधिकार को करने की जरूरत नहीं है.


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