*_गुजरात: राजकोट की गौशाला में 80 गायों की मौत, अधिकारियों ने शुरू की जांच_*
राजकोट (गुजरात): राजकोट जिले के कोटदासंगनी तालुका में एक गौशाला में संदिग्ध फूड पॉइजनिंग से 80 गायों की मौत हो गई है. श्री रामगर बापू गौसेवा ट्रस्ट की यह गौशाला संधवाया गांव में है. पता चला है कि पिछले 24 घंटों में गायों की हुई है. संबंधित अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है. श्री रामगर बापू गौसेवा ट्रस्ट वर्षों से गौ सेवा से जुड़ा है.
जानकारी के अनुसार इस गौशाला में 400 से ज्यादा गायों की सेवा की जाती है, लेकिन शुक्रवार को 80 से अधिक गायों की संदिग्ध फूड पॉइजनिंग से मौत होने से पूरे इलाके में दुख का माहौल है. शुरुआती जांच के मुताबिक, माना जा रहा है कि गायों की मौत उन्हें दिए गए मूंगफली के छिलके खाने से हुई.
गौशाला पहुंची वेटनरी टीम
बताया गया है कि फूड पॉइजनिंग के कारण गायों के मरने की संख्या बढ़ सकती है. 20 से अधिक प्रभावित गायों का इलाज शुरू कर दिया गया है. राजकोट, गोंडल और कोटदासंगानी जैसे इलाकों से वेटनरी टीमें संधवाया पहुंच गई हैं, जो प्रभावित गायों का इलाज कर रही हैं. गायों की मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमॉर्टम समेत अन्य कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है. जिला कलेक्टर डॉ. ओम प्रकाश, जिला विकास अधिकारी आनंदू सुरेश गोविंद और अन्य बड़े अधिकारियों ने शनिवार को गौशाला का दौरा किया. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि प्रभावित गायों का उचित इलाज किया जाएगा.
मौके पर भेजी गई पशुपालन विभाग की टीम
गुजरात के पशुपालन मंत्री जीतूभाई वघानी ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. मंत्री के निर्देश पर पशुपालन विभाग की एक हाई-लेवल टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया. मंत्री ने टीम को पूरी स्थिति पर नजर रखने और गायों के तुरंत बचाव और इलाज के उपाय करने का आदेश दिया है.
जांच के लिए भेजे गए सैंपल
अधिकारियों के मुताबिक, मौत का सही कारण पता लगाने के लिए प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की है. गायों को दिए जाने वाले चारे, पानी और दूसरे खाने के सैंपल तुरंत इकट्ठा किए गए हैं. मौत का सही कारण पता लगाने के लिए इन सैंपल को राजकोट में FSL (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) भेजा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल 16 पशु चिकित्सकों की टीमें गायों का गहन इलाज कर रही हैं, ताकि प्रभावित गायों को बचाया जा सके. जिला कलेक्टर और अन्य बड़े अधिकारियों के गौशाला का दौरा करने के बाद, अब राज्य स्तर पर भी निगरानी शुरू हो गई है.






