सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आशाओं की मांगों को उठाना ,नए श्रम कोड्स के खिलाफ संघर्ष और नई राज्य परिषद व कार्यकारिणी का निर्माण करना है – रीता कश्यप
ट्रेड यूनियन ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी की मीटिंग आज ऐक्टू के किच्छा बाईपास स्थित कार्यालय में संपन्न हुई
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य उपाध्यक्ष रीता कश्यप ने कहा कि आने वाली 28 दिसंबर को हल्द्वानी में यूनियन का राज्य सम्मेलन प्रस्तावित है। सभी ब्लॉकों से यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आशाओं की मांगों को उठाना ,नए श्रम कोड्स के खिलाफ संघर्ष और नई राज्य परिषद व कार्यकारिणी का निर्माण करना है। हमें इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत से सम्मेलन की तैयारियों में जुटना होगा।
जिला अध्यक्ष ममता पानू ने कहा कि हमारी यूनियन आशा वर्कर्स के शोषण के खिलाफ 2011 से संघर्ष करती आ रही है। यूनियन ने कई लड़ाइयां संघर्ष के दम पर जीती भी हैं। लेकिन जब–जब यूनियन व संघर्ष कमजोर होता है तो सरकार व प्रशासन द्वारा आशाओं का शोषण बढ़ जाता है। इसलिए यूनियन को और ज्यादा मजबूत करना है और शोषण के खिलाफ संघर्ष जारी रखना है।
यूनियन की जिला उपसचिव अनिता अन्ना ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पुराने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर नए 4 श्रम कोड लागू कर दिए है। जो श्रमिक विरोधी हैं। इन नए 4 श्रम कोड्स में आशा, आंगनबाड़ी, भोजनमाता, औद्योगिक श्रमिक, निर्माण मजदूर सहित अपना श्रम बेचकर आजीविका चलाने वाले तमाम श्रमिकों के सेक्टर में काम करने वाले लोगों के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। नियोक्ताओं को असीमित अधिकार दे दिए गए हैं। यूनियन बनाने के अधिकार को पूरी तरह से कमजोर कर दिया गया है। इन 4 श्रम कोड्स के खिलाफ तमाम श्रमिक वर्गों सहित आशाओं को भी संघर्ष करना होगा।
बैठक में रीता कश्यप, ममता पानू , अनीता अन्ना,
बाजपुर ब्लॉक अध्यक्ष अन्नू,
बाजपुर ब्लॉक उपाध्यक्ष रेखा यादव,
सितारगंज ब्लॉक सचिव सरमिन सिद्दीकी,सितारगंज ब्लॉक अध्यक्ष मंजू,काशीपुर ब्लॉक अध्यक्ष सुधा शर्मा,काशीपुर ब्लॉक उपाध्यक्ष स्नेहलता चौहान ,गदरपुर ब्लॉक कोषाध्यक्ष लक्ष्मी रावत,
गदरपुर ब्लॉक अध्यक्ष काजल मिस्त्री उपस्थित थे।






