*_राजधानी में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या के खिलाफ महापौर का एक्शन; बोलीं- 15 दिन में लखनऊ खाली करो_*
लखनऊ: राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के खिलाफ लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल पूरी तरह एक्शन मोड में नज़र आईं. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद महापौर स्वयं नगर निगम और ईटीएफ की टीम के साथ गुडंबा थाना क्षेत्र के निकट शंकरपुरवा प्रथम वार्ड के बहादुरपुर पहुंचीं. वहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या झुग्गी–झोपड़ियां डालकर रह रहे हैं.
काफिला देख मौके से हुए फरार, पहचान पत्र मांगने पर चुप्पी: जैसे ही महापौर का काफिला क्षेत्र में पहुंचा, वहां रहने वाले कई बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या युवक मौके से भागते नज़र आए, जबकि कई महिलाएं अपनी झोपड़ियों में छिपने लगीं. माननीय महापौर द्वारा टीम के माध्यम से सभी से आधार कार्ड, एनआरसी प्रमाण पत्र और अन्य वैध दस्तावेज़ मांगे गए, लेकिन अधिकांश बांग्लादेशी और रोहिंग्या कोई भी पहचान पत्र नहीं दिखा सके. इस पर माननीय महापौर ने कड़ा रुख अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए.
अवैध 50 ठेलिया को मौके पर किया गया जब्त: कार्रवाई के दौरान अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, जोनल सेनेटरी अधिकारी अजीत राय, नगर निगम की टीम तथा ईटीएफ के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. जांच के दौरान वहां खड़ी अवैध 50 ठेलिया को मौके पर ही जब्त कर लिया गया. महापौर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन सभी वाहनों को तत्काल कब्जे में लेकर नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
अवैध वाहनों पर बड़ी कार्रवाई: इसके साथ ही दो टाटा मैजिक वाहन, जिनका उपयोग अवैध रूप से कूड़ा ढोने में किया जा रहा था, उन्हें भी तुरंत जप्त किया गया. महापौर सुषमा खर्कवाल ने अधिकारियों को आदेश दिया कि इन वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाए और इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए नियमित निगरानी रखी जाए.
अवैध बिजली कनेक्शन काटने का निर्देश: महापौर ने मौके पर ही बिजली विभाग के एसडीओ को भी बुलाया और क्षेत्र में लगे सभी अवैध बिजली कनेक्शनों को तत्काल काटने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बिना किसी वैध अनुमति के बिजली का उपयोग गंभीर अपराध है और यह सुरक्षा के लिए भी खतरा है.
महापौर की अंतिम चेतावनी, 15 दिन में लखनऊ खाली करें: महापौर ने वहां मौजूद अवैध बांग्लादेशियों एवं रोहिंग्या से सख्त लहजे में कहा कि उन्हें केवल 15 दिन का समय दिया जा रहा है. इस अवधि में यदि वे वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो उन्हें क्षेत्र पूरी तरह खाली करना होगा. माननीय महापौर ने कहा कि लखनऊ शहर में बिना पहचान और बिना अनुमति किसी भी विदेशी को रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
स्थानीय लोगों ने की तारीफ: महापौर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आने वाले 15 दिनों तक क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जाए और समय-समय पर जांच अभियान चलाया जाए, ताकि अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या दोबारा यहां बसने न पाएं. स्थानीय लोगों ने महापौर की इस पहल का स्वागत किया.






