*✍️ शारदीय नवरात्रि में किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा? नोट करें सारी बातें 👇*
शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 22 सितंबर से होने जा रहा है, इस बार मां दुर्गा की पूजा के लिए भक्तों को पूरे 10 दिन मिलने वाले हैं, विजयदशमी यानी की दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मालूम हो मां दुर्गा की पूजा करने से इंसान के सभी कष्टों का अंत हो जाता है, उसे सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है, जिनके अलग -अलग नाम हैं। आइए जानते हैं कि कौन-सी देवी किस दिन पूजी जाती हैं, उनकी विशेषता और पूजन विधि।
*शारदीय नवरात्र 2025 तिथि लिस्ट*
*प्रथम दिवस – मां शैलपुत्री*
स्वरूप: पर्वतराज हिमालय की पुत्री।
वाहन: वृषभ (बैल)।
महत्व: स्थिरता, शक्ति और साहस की देवी।
पूजन विधि: गंगाजल से कलश स्थापना करें, लाल पुष्प, अक्षत और धूप अर्पित करें।
*द्वितीय दिवस – मां ब्रह्मचारिणी*
स्वरूप: तपस्या और संयम की देवी।
वाहन: कमल पुष्प।
महत्व: ज्ञान, भक्ति और आत्मसंयम की प्राप्ति।
पूजन विधि: देवी को अक्षत, श्वेत पुष्प और मिश्री अर्पित करें।
*तृतीय दिवस – मां चंद्रघंटा*
स्वरूप: मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली।
वाहन: सिंह।
महत्व: साहस, बल और शत्रुनाशिनी शक्ति।
पूजन विधि: सुगंधित पुष्प, बेलपत्र और धूप से पूजन करें।
*चतुर्थ दिवस – मां कूष्मांडा*
स्वरूप: ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली।
वाहन: सिंह।
महत्व: रोग, शोक और दोषों का नाश।
पूजन विधि: मालपुए या मीठे व्यंजन अर्पित करें।
*पंचम दिवस – मां स्कंदमाता*
स्वरूप: भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता।
वाहन: सिंह।
महत्व: संतान सुख, शांति और समृद्धि।
पूजन विधि: पीले पुष्प, केले का भोग और धूप से पूजन करें।
*षष्ठ दिवस – मां कात्यायनी*
स्वरूप: ऋषि कात्यायन की पुत्री।
वाहन: सिंह।
महत्व: विवाह योग्य कन्याओं के लिए वर प्राप्ति और दांपत्य सुख।
पूजन विधि: लाल वस्त्र पहनाकर, मिश्री और शहद का भोग लगाएं।
*सप्तम दिवस – मां कालरात्रि*
स्वरूप: अंधकार और दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाली।
वाहन: गधा।
महत्व: भय, शत्रु और संकटों का नाश।
पूजन विधि: नीम की पत्तियां, गुड़ और तेल का दीप अर्पित करें।
*अष्टम दिवस – मां महागौरी*
स्वरूप: अत्यंत गौर वर्ण वाली, शांत और कृपालु।
वाहन: बैल।
महत्व: जीवन के पापों का नाश, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति।
पूजन विधि: दूध, नारियल और सफेद पुष्प से पूजन करें। कन्या पूजन भी इस दिन किया जाता है।
*नवम दिवस – मां सिद्धिदात्री*
स्वरूप: सभी सिद्धियों और शक्तियों की दात्री।
वाहन: सिंह।
महत्व: भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ और मोक्ष प्रदान करना।
पूजन विधि: लाल पुष्प, धूप-दीप और पंचामृत से अर्चना करें।
*कब शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्र?*
22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। इस बार नवरात्र 10 दिन का है।
*घटस्थापना शुभ मुहूर्त*
22 सितंबर , 06: 09 AM से लेकर 08: 06 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11: 49 AM से लेकर 12: 38 PM
*शारदीय नवरात्रि पूजन विधि*
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के पवित्र स्थान पर कलश स्थापना करें।
कलश पर नारियल और आम्रपल्लव रखें।
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर दीपक जलाएं।
प्रतिदिन संबंधित देवी की पूजा करें, फूल, फल, मिठाई अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या नवदुर्गा मंत्रों का पाठ करें।
अंत में आरती करें और परिवार में प्रसाद बांटें।






